बहुत गहरे जख्म हैं हमारे,
अपने जख्मों पर हम रोज मरहम लगाते हैं,
अंदर से टूट गए हैं हम पूरी तरह,
लोगों को अपना हाल अच्छा बताते हैं।
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बहुत गहरे जख्म हैं हमारे,
अपने जख्मों पर हम रोज मरहम लगाते हैं,
अंदर से टूट गए हैं हम पूरी तरह,
लोगों को अपना हाल अच्छा बताते हैं।
Darwaze par baithi rehti hu yooh hi waqt be waqt
tum aao na aao umeed bani rehti hai
दरवाजे पर बैठी रहती हूं यूं ही वक्त बे वक्त
तुम आओ ना आओ उम्मीद बनी रहती हैं।