
Taan hi asmaan vi ajj futt futt ke ro reha e..!!
उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं
सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं
इक बीमार वसीयत करने वाला है
रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं
बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है
चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं
धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की
सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं
साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है
घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं
आज शिकारी की झोली भर जाएगी
आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आयें कैसे घर सजाने का तसव्वुर तो बहुत बाद का है पहले ये तय हो की इस घर को बचाएं कैसे क़हक़हा आँख का बर्ताव बदल देता है हंसने वाले तुझे आंसू नज़र आयें कैसे कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा एक कतरे को समंदर नज़र आयें कैसे लाख तलवरे झुकी अती हो गरदन की तरफ सर झुकाना नहीं आता तो झुकाएं कैसे