Dhur andron menu Tod ke rakh reha e
Tera badalda vateera Dino din..!!
ਧੁਰ ਅੰਦਰੋਂ ਮੈਨੂੰ ਤੋੜ ਕੇ ਰੱਖ ਰਿਹਾ ਏ
ਤੇਰਾ ਬਦਲਦਾ ਵਤੀਰਾ ਦਿਨੋਂ ਦਿਨ..!!
राजनीति की दुनिया में खेल बहुत है,
कोई जीता है, कोई हारा है।
सत्ता की भूख और वाद-विवाद,
मन में जलती चिंगारी है।
राजनेताओं की रंगीन छलावा,
जनता को वहमों में बँधाता है।
कुछ वादे खाली और कुछ झूले धूले,
आम आदमी को खोखला बनाता है।
वाद-विवाद के आगे सच्चाई छिपती,
लोकतंत्र की मूल्यों पर भारी है।
शोर और तामझाम में खो गई है,
सम्मान, सद्भाव और आदर्शि है।
नीतिबद्धता और समर्पण की कमी,
राजनीति को कर रही है मिट्टी।
सच्ची सेवा की बजाए प्रतिष्ठा,
हौसले को तोड़ रही है मिट्टी।
चाहे जितना बदले युगों का सफ़र,
राजनीति का रंग हर बार वही।
प्रशासनिक शक्ति की लालसा में,
जनता भूल जाती है खुद को वही।