
astitav khooti rahi..
mera dil todh kar tu befikar
soti rahi
poori duniya hasti rahi mere par
bas ek baarish thi jo mere
sath roti rahi

हमने जो की थी मोहब्बत आज भी है
उनके ज़ुल्फ़ों की शाए की चाहत आज भी है
ये रात कटती है आज भी ख्याल में उनके
दीवानों सी वो मेरी हालत आज भी है
किसी औरकी तस्वीर को उठती नहीं
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है
एक बार चाह कर चाहे दिल तोड़ दे वोह
दिल तोड़ के जाने की इज़ाज़त उसे आज भी है
हमने जो की थी मोहब्बत आज भी है
उनके ज़ुल्फ़ों की शाए की चाहत आज भी है
जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।