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Bure waqt ne hifazat ki hai || hindi shayari

Chand mein baithkar subah ka intzaar karta hu
Thoda kal sochkar aaj izhaar karta hu
Jab bhi meri nadaniyon ne galti karne ki izazat di hai
Tab mere bure waqt ne bhi meri hifazat ki hai..

चांद में बैठकर सुबह का इंतज़ार करता हूं,
थोड़ा कल सोचकर आज इजहार करता हूं…
जब भी मेरी नादानियो ने गलती करने की इजाज़त दी है,
तब मेरे बुरे वक्त ने भी हमेशा मेरी हिफाज़त की है…

Title: Bure waqt ne hifazat ki hai || hindi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


SHEESHE DI TARAH BEWAFA | Sad Status

Tu v taan sheeshe di tarah bewafa nikaleya
jo sahmne aayea ohda hi ho gya

ਤੂੰ ਵੀ ਤਾਂ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਦੀ ਤਰਾਂ ਬੇਵਫਾ ਨਿਕਲਿਆ
ਜੋ ਸਾਹਮਣੇ ਆਇਆ ਉਹਦਾ ਹੀ ਹੋ ਗਿਆ

Title: SHEESHE DI TARAH BEWAFA | Sad Status


ऊंट की गर्दन || birbal and akbar story hindi

बीरबल की सूझबूझ और हाजिर जवाबी से बादशाह अकबर बहुत रहते थे। बीरबल किसी भी समस्या का हल चुटकियों में निकाल देते थे। एक दिन बीरबल की चतुराई से खुश होकर बादशाह अकबर ने उन्हें इनाम देने की घोषणा कर दी।

काफी समय बीत गया और बादशाह इस घोषणा के बारे में भूल गए। उधर बीरबल इनाम के इंतजार में कब से बैठे थे। बीरबल इस उलझन में थे कि वो बादशाह अकबर को इनाम की बात कैसे याद दिलाएं।

एक शाम बादशाह अकबर यमुना नदी के किनारे सैर का आनंद उठा रहे थे कि उन्हें वहां एक ऊंट घूमता हुआ दिखाई दिया। ऊंट की गर्दन देख राजा ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, क्या तुम जानते हो कि ऊंट की गर्दन मुड़ी हुई क्यों होती है?”

बादशाह अकबर का सवाल सुनते ही बीरबल को उन्हें इनाम की बात याद दिलाने का मौका मिल गया। बीरबल से झट से उत्तर दिया, “महाराज, दरअसल यह ऊंट किसी से किया हुआ अपना वादा भूल गया था, तब से इसकी गर्दन ऐसी ही है। बीरबल ने आगे कहा, “लोगों का यह मानना है कि जो भी व्यक्ति अपना किया हुआ वादा भूल जाता है, उसकी गर्दन इसी तरह मुड़ जाती है।”

बीरबल की बात सुनकर बादशाह हैरान हो गए और उन्हें बीरबल से किया हुआ अपना वादा याद आ गया। उन्होंने बीरबल से जल्दी महल चलने को कहा। महल पहुंचते ही बादशाह अकबर ने बीरबल को इनाम दिया और उससे पूछा, “मेरी गर्दन ऊंट की तरह तो नहीं हो जाएगी न?” बीरबल ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “नहीं महाराज।” यह सुनकर बादशाह और बीरबल दोनों ठहाके लगाकर हंस दिए।

इस तरह बीरबल ने बादशाह अकबर को नाराज किए बगैर उन्हें अपना किया हुआ वादा याद दिलाया और अपना इनाम लिया।

Title: ऊंट की गर्दन || birbal and akbar story hindi