Dil di gal sunni hau
taa chaah da bahana bna lai
ਦਿਲ ਦੀ ਗੱਲ ਸੁਣਨੀ ਹੋਊ
ਤਾਂ ਚਾਹ ਦਾ ਬਹਾਨਾ ਬਣਾ ਲਈ
Dil di gal sunni hau
taa chaah da bahana bna lai
ਦਿਲ ਦੀ ਗੱਲ ਸੁਣਨੀ ਹੋਊ
ਤਾਂ ਚਾਹ ਦਾ ਬਹਾਨਾ ਬਣਾ ਲਈ
Taash ‘ch ikka te zindagi ‘ch sikka
jadon chalda taan duniyaa salaama kardi aa
ਤਾਸ਼ ਚ’ ਇੱਕਾ ਤੇ ਜਿੰਦਗੀ ਚ’ ਸਿੱਕਾ
ਜਦੋ ਚਲਦਾ ਤਾਂ ਦੁਨੀਆਂ ਸਲਾਮਾ ਕਰਦੀ ਆ।।
सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं
दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में
लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं
मेहरबानी को मोहब्बत नहीं कहते ऐ दोस्त
आह अब मुझ से तिरी रंजिश-ए-बेजा भी नहीं
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
आज ग़फ़लत भी उन आँखों में है पहले से सिवा
आज ही ख़ातिर-ए-बीमार शकेबा भी नहीं
बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम
कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुसअ’त-ए-सहरा भी नहीं
अरे सय्याद हमीं गुल हैं हमीं बुलबुल हैं
तू ने कुछ आह सुना भी नहीं देखा भी नहीं
आह ये मजमा-ए-अहबाब ये बज़्म-ए-ख़ामोश
आज महफ़िल में ‘फ़िराक़’-ए-सुख़न-आरा भी नहीं
ये भी सच है कि मोहब्बत पे नहीं मैं मजबूर
ये भी सच है कि तिरा हुस्न कुछ ऐसा भी नहीं
यूँ तो हंगामे उठाते नहीं दीवाना-ए-इश्क़
मगर ऐ दोस्त कुछ ऐसों का ठिकाना भी नहीं
फ़ितरत-ए-हुस्न तो मा’लूम है तुझ को हमदम
चारा ही क्या है ब-जुज़ सब्र सो होता भी नहीं
मुँह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते कि ‘फ़िराक़’
है तिरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं