चाहत के सिलसिले हुए ना कम,
मिलते रहे फेश टू फेश,
सपने में भी मिलना ना हुआ कम।
Enjoy Every Movement of life!
चाहत के सिलसिले हुए ना कम,
मिलते रहे फेश टू फेश,
सपने में भी मिलना ना हुआ कम।
तू बन दूध सा कोरा , मै बन पत्ती तुझमें मिल जाऊंगी
तू बन इत्र सा मेरा , में हवा बन घुल जाऊंगी
आएगा जो जिक्र तेरा , मै लाली लाके सरमाऊंगी
तू बन के आना बारिश , मै रंगों सी बिखर जाऊंगी।❤️
