Alfazo ko padhta hai vo mere jazbaton ko kaha samjhata hai
Sirf baat karta hai mohobbat se kambakhat mujhse mohobbat kaha karta hai💯
अल्फाजों को पढ़ता है वो मेरे जज्बातों को कहां समझता है
सिर्फ बात करता है मोहब्बत से कमबख्त मुझसे मोहब्बत कहां करता हे।💯
ईद के ख़ास मौक़े पर कोई ख़ुदाई से मिले,
दुश्मन – दुश्मन से मिले भाई – भाई से मिले
दुनियां वालों तुम्हें क्यों जलन होती है अग़र,
मुस्लिम सीख़ से मिले या सीख़ ईसाई से मिले
उस बंटवारे को अल्लाह भी क़बूल नहीं कर्ता,
जो हिस्सा इंसानों को ख़ून की लड़ाई से मिले
ग़ले ज़रूर मिलो मग़र ग़ला काटने के लिए नहीं,
क़ल को क्या पता किसका वक़्त जा बुराई से मिले
ये शायर तेरा आशिक़ है एक ही बात कहता है
हमसे जब भी जो भी मिले दिल की गहराई से मिले