हवा चलती है सुनहरी
तुम हो मेरी नन्हि गिलहरी..
प्यार करता हूं मैं बहुत तुमसे,
अब जताने आया हूं प्यार तुमसे…
क्या तुम नहीं जताओगे मुझे अपना प्यार
तब तक मैं करता रहूंगा तुम्हारा इंतजार….
Nabendu Baroi
हवा चलती है सुनहरी
तुम हो मेरी नन्हि गिलहरी..
प्यार करता हूं मैं बहुत तुमसे,
अब जताने आया हूं प्यार तुमसे…
क्या तुम नहीं जताओगे मुझे अपना प्यार
तब तक मैं करता रहूंगा तुम्हारा इंतजार….
Nabendu Baroi
Vo umar achi thi jab jooth par ykeen hua karta tha varna aaj to hakeekat par bhi shak hai 💯
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?