Injh nahi k dil vich
teri tasveer nahi c
par hathan vich tere naam di
lakir hi nahi c
ਇੰਝ ਨਹੀਂ ਕਿ ਦਿਲ ਵਿਚ
ਤੇਰੀ ਤਸਵੀਰ ਨਹੀਂ ਸੀ
ਪਰ ਹੱਥਾਂ ਵਿੱਚ ਤੇਰੇ ਨਾਮ ਦੀ
ਲਕੀਰ ਹੀਂ ਨਹੀਂ ਸੀ
Injh nahi k dil vich
teri tasveer nahi c
par hathan vich tere naam di
lakir hi nahi c
ਇੰਝ ਨਹੀਂ ਕਿ ਦਿਲ ਵਿਚ
ਤੇਰੀ ਤਸਵੀਰ ਨਹੀਂ ਸੀ
ਪਰ ਹੱਥਾਂ ਵਿੱਚ ਤੇਰੇ ਨਾਮ ਦੀ
ਲਕੀਰ ਹੀਂ ਨਹੀਂ ਸੀ
Haan mehsus kar pa rahe haan
Ke bhut badal chukke haan khud nu tere layi..!!
ਹਾਂ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰ ਪਾ ਰਹੇ ਹਾਂ
ਕਿ ਬਹੁਤ ਬਦਲ ਚੁੱਕੇ ਹਾਂ ਖੁਦ ਨੂੰ ਤੇਰੇ ਲਈ..!!
जाते जाते एक उम्दा तालीम दे गया, वो मुसाफिर, खुदकी तलाश में घर से निकल गया, वो मुसाफिर, सोचा साथ जाऊं मैं भी, पर जाऊंगा कहां, जा चुका होगा मीलों दूर, उसे पाऊंगा कहां, इसी सोच में रात हुई, नींद का झोंका आ गया, सुबह आंखे खुली तो सोचा, क्या वो मौका आज आ गया ? के चला जाऊं सबसे इतना दूर के कुछ ना हो, गहरी नींद में बेड़ियां मिले पर सचमुच ना हो, सच हो तो बस आसमां में परिंदो सी उड़ान हो, चाहूंगा हर सितमगर का बड़ा सा मकान हो, वहां आवाज़ देकर झोली फैलाएगा वो मुसाफिर, तुम्हे देख भीगी पलकें उठाएगा वो मुसाफिर, मोहब्बत से एक रोटी खिलाकर देखना तुम, शोहरत से दामन भर जाएगा वो मुसाफिर...