Enjoy Every Movement of life!
कुछ नहीं है बात में, ये बात चुभती भी तो है,
भोर की पहली किरण भी सांझ में ढलती तो है,
उड़ता हूं मैं बाज़ सा आसमां की उस ऊंचाई में,
जिस तेज ताप पर, थोड़ी हवा चलती तो है,
गिरता हूं मैं उठता हूं कभी धरती कभी अंगड़ाई पे
जिंदगी भी दर बदर पर, जिंदगी चलती तो है,
बात इतनी ही नहीं के कायदे भी अब रो रहे,
सर झुका कर चलती दुनिया देख खलती भी तो है...
Wo khud tumse kuch kahe tabhi kuch maanna zaruri nahi !
Wo tumse kuch na bhi kahe tab bhi sabkuch tum maan hi lena !
वो खुद तुमसे कुछ कहे तभी कुछ मानना ज़रूरी नहीं
वो तुमसे कुछ न भी कहे तब भी सब कुछ तुम मान ही लेना..
