Kujh lok jo apne nahi san
mere dil nu apne lagn laghe
te kujh jo apne san
ohna val dil ne kade vekheyaa na
ਕੁਝ ਲੋਕ ਜੋ ਆਪਣੇ ਨਹੀਂ ਸਨ
ਮੇਰੇ ਦਿਲ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਲੱਗਣ ਲੱਗੇ
ਤੇ ਕੁਝ ਜੋ ਆਪਣੇ ਸਨ
ਉਹਨਾ ਵੱਲ ਦਿਲ ਨੇ ਕਦੇ ਵੇਖਿਆ ਨਾ
Kujh lok jo apne nahi san
mere dil nu apne lagn laghe
te kujh jo apne san
ohna val dil ne kade vekheyaa na
ਕੁਝ ਲੋਕ ਜੋ ਆਪਣੇ ਨਹੀਂ ਸਨ
ਮੇਰੇ ਦਿਲ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਲੱਗਣ ਲੱਗੇ
ਤੇ ਕੁਝ ਜੋ ਆਪਣੇ ਸਨ
ਉਹਨਾ ਵੱਲ ਦਿਲ ਨੇ ਕਦੇ ਵੇਖਿਆ ਨਾ
एक रात जब दरवाजे पर दस्तक हुई, तो लगा कोई आया होगा..
आख़िर देर रात ये है कौन। कहीं कोई बुरी खबर तो ना लाया होगा..?
बिस्तर से उठा घबराहट के साथ, रात ताला भी तो लगाया होगा..
चाबी ना जाने कहां रख दी मैंने, ऐसा होगा, रात दिमाग में ना आया होगा..
चाबी लेकर दौड़ा दरवाजे की ओर, दरवाजा तो खोलू, शायद कोई घबराया होगा..
दरवाज़ा खोला कोई नहीं था, ये कोई मज़ाक का वक़्त है, जो दरवाज़ा खटखटाया
होगा..
ना जाने कौन था ये, जो इतनी रात गऐ मेरे दर पे आया होगा..?
पूरी रात निकल गई सोचने में, ये मेरा वहम था, या सच में कोई आया होगा..
Rahat de pal sakoon de baat,
Maa tere anchal toh bina nhi mili sanu koi zindgi de sogaat,