दो चार दिन का इश्क़ हम नहीं किया करते,
गाँव का आशिक हूँ यूही किसी से प्यार किया नहीं करते…💯🥀
Enjoy Every Movement of life!
दो चार दिन का इश्क़ हम नहीं किया करते,
गाँव का आशिक हूँ यूही किसी से प्यार किया नहीं करते…💯🥀
तेरा ईश्क रहता है , मेरे सपनों के शहर में ।
दबी जुबां में मुझसे , एक बात कहता है ।।
मन में बसी है तू , दिल तुझसे मिलने को बेकरार है ।
नाराजगी छोड़ दे ना , तेरा प्यार तो मेरे लहू में बहता है ।।
ख्वाबों की गलियों में , बसी चाहत है सनम ।
फितूरी का खुमार भी , बस तेरा ही नाम कहता है ।।
आँखों में नींद नहीं , सुकून में भी चैन नहीं ।
बस इजहार-ए-मोहब्बत का ख्याल , हर पल मेरे जहन में रहता है ।।
