जिंदगी तुझे जीने की साझीश जारी है
हर लम्हे मे दर्द है और दर्द से अपनी यारी है
कुछ न देके भी भोत कुछ दिया है तूने
एसिलिए तू कही न कही हमको प्यारी है ।
नुकसान भरा नहीं पिछली बरबादी का
फिर एक दफा तुझे सवारने की तयारी है
जिंदगी तुझे ज़ीने की साझीश जारी है ।
हर दिन आके झँझोड़ जाती है तू
जैसे सदियों से तेरी हमपे उधारी है
तू साथ दे या न दे हमारा
लेकिन तुजे जीने की ज़िद्द दिल मे उतारी है
जिंदगी तुझे जीने की साझीश जारी है ।
वक्त का खामोशी से गुजारना ओर धडकनों का यूं शोर मचाना
एह जिंदगी तू ही बता ये कैसी बेकरारी है
लौट आए जो वो पुराने लोग
तो पुछू आखिरी कैसे उन्होने उन्होने जिंदगी गुजारी है
जिंदगी तुझे जीने की साझीश जारी है ।
उम्मीद है तू साथ चलेगी मेरे
खवाबों से भरी हाथ मे मेरे पिटारी है
पूरे हो या न हो ये किस्मत का खेल है
पर जिंदगी तुझे जीने की जंग जारी है ।
……….. अजय कुमार ।
आज तू कही नहीं है ,
फिर भी नेरे हर ख्याल में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे दिल में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी आँखों में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी यादों में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी रग रग में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे रोम रोम में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी हर चेहरे में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी धड़कनो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी सांसो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे सपनो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मुझमे इस कदर समाया है तू
जिस कदर रात में अँधेरा