Jinniyaa sakeema laniyaa
tu laale put
mainu pata tu apni aukaat dikhani aa
tu dikhale put
ਜਿਨਿਆ ਸਕਿਮਾ ਲਾਣੀ ਐਂ
ਤੂੰ ਲਾਲੇ ਪੂਤ
ਮੈਨੂੰ ਪਤਾ ਤੂੰ ਆਪਨੀ ਔਕਾਤ ਦਿਖਾਨੀ ਐਂ
ਤਾਂ ਦਿਖਾਲੇ ਪੂਤ
Jinniyaa sakeema laniyaa
tu laale put
mainu pata tu apni aukaat dikhani aa
tu dikhale put
ਜਿਨਿਆ ਸਕਿਮਾ ਲਾਣੀ ਐਂ
ਤੂੰ ਲਾਲੇ ਪੂਤ
ਮੈਨੂੰ ਪਤਾ ਤੂੰ ਆਪਨੀ ਔਕਾਤ ਦਿਖਾਨੀ ਐਂ
ਤਾਂ ਦਿਖਾਲੇ ਪੂਤ
बाप का प्यार जिनको नहीं मिला, वो कंधे झुका होते।
माँ की प्यार जिनको नहीं मिला, वो क्रिमिनल बनते।
हर तरफ बालू ही बालू, कहां पर मिलेगा समुंदर?
कहां पर मिलेगा शांति, दुःख की अगन में खोया हे अंदर!
कभी कभी इंसान का बातचीत सुनाई देता है।
एकदम इंसान जैसा, लेकिन इंसानियत छुपी हुई है।
कहाँ से आया हुं, पता नहीं; कहाँ जाऊँगा वो भी पता नहीं।
सिर्फ ये पता है की मैं जिंदगी जी रहा हूं यही।
चुपचाप बैठे रहना भी एक काम होता है।
हर बात में कुत्ते की तरह भूँकना केवल बेवक़ूफ़िआ है।
गर्मी में पसीना दिखाई देता है, सर्दी में कभी नहीं।
बेवकूफ दिखाकर काम करते है, लेकिन बुद्धिमान समझते है चुपचाप रहना ही सही।
जो ज्यादा बात करते है, वो ऊपर से चालाक है।
जो कम बात करते है, वो अंदर से मजबूत होते हे।
बड़ा आदमी बड़ा चीज को छोटा करके दिखता है।
छोटा आदमी छोटा चीज को बड़ा करके बताता है।
आंधी आयी थी आज बारिश के साथ।
एक छतरी के नीचे दो, हाथ में हाथ।
प्यार बारूद की तरह जान ले सकता है।
इंतज़ार आग की तरह जला सकता है।
वक्त कभी झूठ नहीं बोलता, लेकिन प्यार बोल सकता है।
इंसानियत समय की तरह सच है, लेकिन इंसान हमेशा झूठा होता है।
हर इंसान झूठा नहीं है।
झूठ सिर्फ वो बोलता है, जिनका दिल छोटा और दिमाग बड़ा है।
दिमाग छोटा है या बड़ा, कुछ फर्क नहीं पड़ता।
दिल हमेशा बड़ा होनी चाहिए, ज्ञानी आदमी यही कहता।
अगर सूरज नहीं होता तो रौशनी मिलती कहाँ से।
अगर औरत नहीं होती तो मर्द आता कहाँ से।
प्रतियोगिता प्रतिभा को दबा देते है।
ऊपर बैठने की लालच में हम ज़मीन को भूल जाते है।