Don’t settle. Don’t finish crappy books. If you don’t like the menu, leave the restaurant. If you’re not on the right path, get off it
Chris Brogan
Don’t settle. Don’t finish crappy books. If you don’t like the menu, leave the restaurant. If you’re not on the right path, get off it
Chris Brogan
आज तू कही नहीं है ,
फिर भी नेरे हर ख्याल में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे दिल में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी आँखों में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी यादों में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी रग रग में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे रोम रोम में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी हर चेहरे में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी धड़कनो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरी सांसो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मेरे सपनो में समाया है तू
आज तू कही नहीं है
फिर भी मुझमे इस कदर समाया है तू
जिस कदर रात में अँधेरा