Ehsaas ohde chehre da jive
noor rabbi jhalkaawe
mulakaat ohde naal injh jive
rabb aap milan nu aawe
ਅਹਿਸਾਸ ਉਹਦੇ ਚਹਿਰੇ ਦਾ ਜਿਵੇਂ
ਨੂਰ ਰੱਬੀ ਝਲਕਾਵੇ❤️
ਮੁਲਾਕਾਤ ਉਹਦੇ ਨਾਲ ਇੰਝ ਜਿਵੇਂ
ਰੱਬ ਆਪ ਮਿਲਣ ਨੂੰ ਆਵੇ
Ehsaas ohde chehre da jive
noor rabbi jhalkaawe
mulakaat ohde naal injh jive
rabb aap milan nu aawe
ਅਹਿਸਾਸ ਉਹਦੇ ਚਹਿਰੇ ਦਾ ਜਿਵੇਂ
ਨੂਰ ਰੱਬੀ ਝਲਕਾਵੇ❤️
ਮੁਲਾਕਾਤ ਉਹਦੇ ਨਾਲ ਇੰਝ ਜਿਵੇਂ
ਰੱਬ ਆਪ ਮਿਲਣ ਨੂੰ ਆਵੇ
Meri zindagi palla jinne fad rakheya
Din raat Jo khuaban ch paun phera..!!
Oh Jo ucheyan ton vi uche ne
Ohde kadma vassda jahan mera..!!
ਮੇਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਪੱਲਾ ਜਿੰਨੇ ਫੜ੍ਹ ਰੱਖਿਆ
ਦਿਨ ਰਾਤ ਜੋ ਖੁਆਬਾਂ ‘ਚ ਪਾਉਣ ਫੇਰਾ..!!
ਉਹ ਜੋ ਉੱਚਿਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਉੱਚੇ ਨੇ
ਓਹਦੇ ਕਦਮਾਂ ‘ਚ ਵੱਸਦਾ ਜਹਾਨ ਮੇਰਾ..!!
बादशाह अकबर को शिकार करना बहुत पसंद था। एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने सैनिकों के साथ शिकार पर निकले। शिकार करते-करते वो इतने आगे चले गए कि वो अपने दल से छूट गए। उनके साथ बस कुछ ही सैनिक रह गए थे। अब शाम होने को थी और सूरज ढलने वाला था। साथ ही अकबर और उनके साथ के सैनिकों को भूख भी सताने लगी थी।
बादशाह अकबर को शिकार करना बहुत पसंद था। एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने सैनिकों के साथ शिकार पर निकले। शिकार करते-करते वो इतने आगे चले गए कि वो अपने दल से छूट गए। उनके साथ बस कुछ ही सैनिक रह गए थे। अब शाम होने को थी और सूरज ढलने वाला था। साथ ही अकबर और उनके साथ के सैनिकों को भूख भी सताने लगी थी
काफी दूर निकल आने पर बादशाह अकबर को यह एहसास हुआ कि वो रास्ता भटक गए हैं। वहां आस-पास कोई नजर भी नहीं आ रहा था, जिससे रास्ते के बारे में पूछा जा सकता था। थोड़ी दूर और चलने पर उन्हें एक तिराहा नजर आया। बादशाह को यह देख कर थोड़ी खुशी हुई कि चलो इनमें से कोई न कोई रास्ता राजधानी तक तो जाता ही होगा।
लेकिन, सभी इसी उलझन में थे कि किस रास्ते पर चला जाए। तभी सैनिकों की नजर सड़क किनारे खड़े एक छोटे से लड़के पर पड़ी। वह लड़का बड़ी हैरानी से महाराज के घोड़े और सैनिकों के हथियारों को देख रहा था। सैनिकों ने उस बालक को पकड़कर महाराज के सामने पेश किया।
बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा, “ऐ लड़के। इनमें से कौन सा रास्ता आगरा जाता है?” यह बात सुनकर वह बच्चा जोर-जोर से हंसने लगा। यह देखकर राजा को बहुत गुस्सा आया। लेकिन, उन्होंने शांत भाव से उससे उसकी हंसी का कारण पूछा। लड़के ने जवाब दिया, “यह रास्ता चल नहीं सकता है, तो यह आगरा कैसे जाएगा। आगरा पहुंचने के लिए तो आपको खुद चलना पड़ेगा।”
महाराज उस लड़के की सूझबूझ को देख कर चकित रह गए। उन्होंने प्रसन्न होकर उस बच्चे का नाम पूछा। लड़के ने जवाब में अपना नाम महेश दास बताया। महाराज ने उसे इनाम में सोने की अंगूठी दी और दरबार में आने का न्योता दिया। इसके बाद बादशाह अकबर ने लड़के से पूछा, “क्या तुम मुझे बता सकते हो कि किस रास्ते पर चलने से मैं आगरा पहुंच पाऊंगा?” लड़के ने बड़ी ही शालीनता से सही रास्ता बताया और महाराज अपने सैनिकों के साथ आगरा की ओर चल पड़े।
यही लड़का बड़ा होकर बीरबल के नाम से प्रसिद्ध हुआ और बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक कहलाया।