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EK ishq ke samne par khoyea hoyea

एक इश्क़ सामने पर खोया हुआ .

देखती हु उन्हें रोज़ खिड़की से कुछ तलाश करते हुए शायद खुद की ज़मीर को खोजते हैँ

और खुद ही ना जवाब पाकर .. चुप चाप चले जातें हैँ

शायद वो समझ नी पाते जिसे वो खोजते वो उनका ज़मीर नी उनके अंदर का टुटा प्यार है ..

हर रोज़ बस अड़े पर दीखते हैँ वो ..

और फिर भी अपने घर से ना जाने कैसे मेरे घर तक आजाते हैँ .. आसमान मे देख कर कहते हैँ की..भूल जाता हूँ अपना घर

इश्क़ का नशा जो तेरा अब तक चढ़ा है ..

देखती हु वो बैग दिया हुआ मेरा .. आज तक अपने संघ रखते हैँ मानो जैसे कलेजे को ठंडक देने वाला जलजीरा हो ..या आँखों को सुलघाने वाला चमकता हीरा हो ..

पर बुधु जो हैँ इन सबमे अपना रुमाल ही भूल जाते हैँ .

जानती हु वो बस मुझे याद करते हैँ ..

तभी तो शीशे के सामने आने से हटते हैँ

अपनी शकल बता कर मेरी शकल भूलने से डरते हैँ

पहले सामने थे मेरे देखती हु अब ऊपर से वो इश्क़ जो मेरा था वो जो खो गया…..

Title: EK ishq ke samne par khoyea hoyea

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Raah janda c tere garah nu || Sad Punjabi shayari

sad Punjbai shayari || Raah janda c tere garah nu me tureyaa jawa, dil ne rok lya aakhri bol tere ne sath hamesha lai c todh leya

Raah janda c tere garah nu
me tureyaa jawa, dil ne rok lya
aakhri bol tere ne
sath hamesha lai c todh leya



छांव भी जरूरी है || hindi poetry

ज़िन्दगी सीधे साधे चलना ठीक नही
उबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है,
तैरते तैरते बाजू थक जाएंगे
एक पल के लिए नाव भी जरूरी है,
बदलाव भी जरूरी
ये घाव भी जरूरी है,
इतनी धूप अच्छी नेही
थोड़ी छांव भी जरूरी है..!

हद-ए-शहर से निकली तो,
गांव-गांव चली..
कुछ यादें मेरे संग,
पांव-पांव चली..!
सफर जो धूप का किया तो,
तजुर्बा हुआ..
वो ज़िन्दगी ही क्या जो,
छांव-छांव चली..!!

Title: छांव भी जरूरी है || hindi poetry