इक तरफ ज़मीं से आसमां छूने को जी करता है,
इक तरफ होंठों से ज़मीं चूमने को जी करता है...
इन चार दीवारों की सरहदें भी तो मुक्कमल है,
शाम होते ही दोनों जहां घूमने को जी करता है...
Enjoy Every Movement of life!
इक तरफ ज़मीं से आसमां छूने को जी करता है,
इक तरफ होंठों से ज़मीं चूमने को जी करता है...
इन चार दीवारों की सरहदें भी तो मुक्कमल है,
शाम होते ही दोनों जहां घूमने को जी करता है...

