इक तरफ ज़मीं से आसमां छूने को जी करता है,
इक तरफ होंठों से ज़मीं चूमने को जी करता है...
इन चार दीवारों की सरहदें भी तो मुक्कमल है,
शाम होते ही दोनों जहां घूमने को जी करता है...
इक तरफ ज़मीं से आसमां छूने को जी करता है,
इक तरफ होंठों से ज़मीं चूमने को जी करता है...
इन चार दीवारों की सरहदें भी तो मुक्कमल है,
शाम होते ही दोनों जहां घूमने को जी करता है...
Rehan akhan nam mehsus kar fatt gehreyan nu..!!
Khaure lag gyian nazra ne hassde chehreyan nu..!!
ਰਹਿਣ ਅੱਖਾਂ ਨਮ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰ ਫੱਟ ਗਹਿਰਿਆਂ ਨੂੰ..!!
ਖੌਰੇ ਲੱਗ ਗਈਆਂ ਨਜ਼ਰਾਂ ਨੇ ਹੱਸਦੇ ਚਿਹਰਿਆਂ ਨੂੰ..!!
तीन रंगों में रंगा हुआ
सारे जग से न्यारा है,
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
बतलाता है रंग केसरी
वीरों ने बलिदान दिया
अंग्रेजों को मार भगाया
स्वतंत्र हिंदुस्तान किया,
इनकी भुजाओं के बल से
दुश्मन हमसे हारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
श्वेत रंग संदेशा देता
अमन चैन फ़ैलाने का
प्रेम भावना बसे हृदय में
ऐसा वतन बनाने का
सुख-दुःख में एक दूजे का
बनना हमे सहारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
हरा रंग हरियाली का जो
उन्नति पथ दिखलाता है
चीर धरा का सीना हलधर
सारी फसल उगाता है,
सारे जगत को देता अन्न
पशुओं को देता चारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।
बढ़ते रहें कहीं रुके नहीं
चक्र ज्ञान यह देता है
साथ समय के चले निरंतर
बनता वही प्रणेता है
बिना परिश्रम कहाँ किसीका
चमका कभी सितारा है
सुनो तिरंगा हमें हमारा
प्राणों से भी प्यारा है।