GHaint dard shayari || dard mere koyale was last modified: May 2nd, 2020 by Amar
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रूठना खफा रहना ये वफा नही होती
चाहतों में लोगो से क्या खता नही होती
सबको एक जैसा क्यू समझने लगते हो
क्योंकि सारी दुनिया तो बेवफा नहीं होती
हर किसी से यारी हर किसी से वायदे
प्यार करने वालो में ये अदा नहीं होती
बे-नकाब चेहरे भी एक हिजाब रखते है
सिर्फ सात परिंदो में तो हया नही होती
सबकुछ खो दिया उसके प्यार में हमने
क्या ये भी चाहत की इंतेहा नही होती💯🙃
Tere saath Bitaya hua har pal mujhe Jannat ke barabar lagta hai
Mehsoos hua jo teri nazar se mujhe Ibadat ke barabar lagta hai
Kismat mai apna saath likha ho ya na likha ho
Tere Yaadon ki Daulat mujhe Viraasat ke barabar lagti hai