हाल न पूछो हमारा..
बस मेरे लिखे खत को महसूस करो
दर्द भी तड़पती है कागज़ पर
मुझे कोई इस आग से महफूज करो
हाल न पूछो हमारा..
बस मेरे लिखे खत को महसूस करो
दर्द भी तड़पती है कागज़ पर
मुझे कोई इस आग से महफूज करो
usne ek baar jo dekha
wo kya dekha
ke mohobat ho gai hame unse
fir ek baar na usne dekha
उसने एक बार जो देखा
वो क्या देखा
के मोहोबत हो गई हमें उनसे
फिर एक बार न उसने देखा
na charkhe te tand painda e
na trinjhna da kath deeda e
na baabeya da mela lagda e
hun pind v injh jaapda e
jive ujdheyaa baag maali da e
har ghar iko supna e
asi ja canada vasna e
ਨਾ ਚਰਖੇ ਦੇ ਤੰਦ ਪੈਦਾ ਏ
ਨਾ ਤ੍ਰਿੰਜਣਾ ਦਾ ਕੱਠ ਦੀਦਾ ਏ
ਨਾ ਬਾਬਿਆ ਦਾ ਮੇਲਾ ਲੱਗਦਾ ਏ
ਹੁਣ ਪਿੰਡ ਵੀ ਇੰਝ ਜਾਪਦਾ ਏ
ਜਿਵੇ ਉਜੜਿਆ ਬਾਗ ਮਾਲੀ ਦਾ ਏ
ਹਰ ਘਰ ਇਕੋ ਸੁਪਨਾ ਏ
ਅਸੀ ਜਾ ਕਨੇਡਾ ਵੱਸਣਾ ਏ
..ਕੁਲਵਿੰਦਰ ਔਲਖ