Har ladki ka khawaab hoon…
Har Ek ke hothon ka unkaha Jawaab hoon…
Raheta tumhare Dilon mein hee hoon…
Mere bin pal bhar Bhi sakoon na Milega…
Ki tumhari raahon ka chiraag mai hee to hoon…
Har ladki ka khawaab hoon…
Har Ek ke hothon ka unkaha Jawaab hoon…
Raheta tumhare Dilon mein hee hoon…
Mere bin pal bhar Bhi sakoon na Milega…
Ki tumhari raahon ka chiraag mai hee to hoon…
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?
