Chalo hassne ki koi wajah dhundte hain
Jidhar na ho koi gam vo jgah dhundte hain ❤
चलो हँसने की कोई,हम वजह ढूंढते हैं।
जिधर न हो कोई गम वो जगह ढूंढते है॥❤
Chalo hassne ki koi wajah dhundte hain
Jidhar na ho koi gam vo jgah dhundte hain ❤
चलो हँसने की कोई,हम वजह ढूंढते हैं।
जिधर न हो कोई गम वो जगह ढूंढते है॥❤
करवट बदलकर सोने की कोशिश की, नींद फिर भी ना आई..
रात कमरे में बस हम दोनो थे, मैं और मेरी तनहाई..
उसे पसंद नहीं मुझसे दूर जाना, और मैने कभी वो पास ना बुलाई..
आखिर में बैठकर बातें की उससे, और जान पहचान बढ़ाई..
उसने कहा साथ उसे अच्छा लगता है मेरा, पर मुझे वो रास न आई..
समझाया उसे दूर होजा मुझसे, इतनी सी बात भी उसे समझ ना आई..
आखिर में अपनाना पड़ा उसे, वो तो मुझे छोड़ ना पाई..
जब अपनाकर उसे, आंखें बंद की मैने, तब जाकर कहीं मुझे नींद आई….