
Ke eh ronde ne jada te hassde ghatt ne..!!

दिखा तेरे दिल में
क्या रहता हूँ मैं
या फिर ये झूठी वादे कसमें हैं
या हम तेरी निगाहों के बस में है
दिल के प्यार का जादू चला है
या तूने रूप से छला है।
अदाओं ने किया है असर
या नजरों का हुआ बसर
बता तेरे भी दिल की खबर
आखिर क्यों हो रहा दुनिया से बेखबर
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?