
Aun valeyan da suagat kariye jaan valeyan layi ardaas..!!
कॉलेज तक हम पर ना पढ़ाई की जिम्मेदारी रहती है , और उसके बाद घर की जिम्मेदारी आ जाती है । अपने सपनो को रख कर एक तरफ , अपनो के सपनो को पूरा करने की जिम्मेदारी आती है । क्या करे कोई अगर लाखो की भीड़ में एक शख्स अच्छा लगे , तो उसे भी ठुकराना पड़ता है । प्यार व्यार सब अच्छा नही यही बताकर दिल को अपने मनाना पड़ता है , कभी पढ़ाई की तो कभी घर की जिम्मेदारी से दिल उदास भी हो तो सामने रह कर सबके चेहरे से तो मुस्कुराना पड़ता है । हर किसी को परेशानी अपनी खुद ही पता होती है , वरना दूसरो को खुश चेहरा ही दिखता है । खुद के अलावा किसी को क्या पता की कोन रोज यहां कितनी मुश्किलों में उलझता सा है , छोटा मोटा काम करके घर का खर्चा निकालना होता है । कभी कभी नौबत ऐसी आती है की दस या पंद्रह हजार में , महीना सारा संभालना पड़ता है । यहां से वहा से ले लेकर बच्चो की ख्वाईशे भी पूरी करनी पड़ती है , कोई साथ नही देता यार यहां जिंदगी की ये लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती है ।
Aansu chupakar hasne ka tareeka dhund liya humne
Chup rehkar khush rehkar jeena sikh liya humne
Had hai logo ki ab bhi picha nhi chodte
Ab to mar mar kar jeena seekh liya humne
Aansu chupakar hasne ka tareeka dhund liya humne
आंसू छुपाकर हसने का तरीका डूंड लिया हमने
चुप रहकर खुस रहकर जीना सीख लिया हमने
हद है लोगो की अब भी पीछा नहीं छोड़ते
अब तो मर मर कर जीना सीख लिया हमने
आंसू छुपाकर हसने का तरीका डूंड लिया हमने…