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Hindi shayari || love shayari collection

ना मैं उसकी खूबसूरती पर मरता हूं और ना वो पैसों पर मरती है,
कि ना मैं उसकी खूबसूरती पर मरता हूं और ना वो पैसों पर मरती है,
कोई कह दे मेरे बारे में कुछ गलत तो वो लड़ने पहुंच जाती है,
कुछ इस तरह का वो पागल मुझसे प्यार करती है।

किसी का चेहरा जो हस रहा है मेरी वजह से,
ऐ खुदा , रहमत बनाए रखना
उस चेहरे को कभी रोने ना दूं |

हम उनके और वो हमारे कुछ यूं हो गए हैं,
अब हम उनमें में और वो हम में दिखाई देने लगे हैं,
लोग कहते हैं कि हम दोनो साथ में बहुत अच्छे लगते हैं,
अब लोगों को कौन समझाए रूह से जुड़े लोग कुछ ऐसे ही लगते हैं |

खुद को कुछ यूं खो दिया है तुझमें,
कि मेरे साए में भी अब तू दिखाई देने लगा है ,
और मेरी रूह से जुड़ गया है तू इस तलक
कि मेरी आंखों में अब तू दिखाई देने लगा है।

वो कहती है की तुझे समझने के लिए मुझे किसी डिग्री की ज़रूरत नहीं –
तेरी आँखों में देख कर , तेरा हाल बता सकती हुँ,
तेरे दिल पर हाथ रख कर , तेर ख्याल बता सकती हुँ,
तेरी मुस्कुराहाट देख कर , उसके पीछे का राज़ बता सकती हुँ,
फिर भी कभी लगे कोई तुझे मुझसे ज्यादा प्यार करती है,
तो बता देना………….
तेरी खुशी के लिए तुझे छोड़ के जा सकती हुँ,
लेकिन फिर कहती हुँ…..
तेरी आँखों में देख कर तेरा हाल बता सकती हुं❤️❤️
तेरे दिल पर हाथ रख के , तेरा ख्याल बता सकती हुँ ❤️❤️

Title: Hindi shayari || love shayari collection

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


HIK NAAL LA KE ROWA || VERY SAD DARD SHAYARI

dard punjabi shayri || yaadan teriyaan nu main nit hanjuaan de mankiyaan vich parowan nj teriyaan daan vich ditiyaan peedan nu main saari raat hik naal la k rowan

yaadan teriyaan nu main
nit hanjuaan de mankiyaan vich parowan
nj teriyaan daan vich ditiyaan peedan nu
main saari raat hik naal la k rowan



हाय अल्लाह ! ||Haye allah || beautiful hindi poetry

ये किसने जेल में लाया खाना हाय अल्लाह,
मुजरिम का भी है कोई दीवाना हाय अल्लाह।
ये मज्मा भी मेरे रोने पे बजाता है ताली,
किसको सुनाएं अपना अफ़साना हाय अल्लाह।
अब क्या कि जुर्म किसने की है क़ुसुर है किसका,
अब तो लगा है मुझपर जुर्माना हाय अल्लाह।
मेरी नज़र क्या उस पे है सबकी नज़र मुझ पे है,
पूरा शहर है उसका दीवाना हाय अल्लाह।
वो मुझसे मिलता है रोज़ाना मगर नतीजा ये,
देखो तो लगता है वो बेगाना हाय अल्लाह।
जब भी किसी ने पूछा है धोखा कब मिला फिर तो,
बचपन का याद आए याराना हाय अल्लाह।
शिकवा नहीं है उससे बस दुख ‘अमीम’ इतना है,
क्यों मेरा लौट आया नज़राना हाय अल्लाह