Jina nu vekhe bina ik pal v ni si gujarda
ohna nu vekhe ik arsaa ho gya..
ਜਿੰਨਾ ਨੂੰ ਵੇਖੇ ਬਿੰਨਾ ਇਕ ਪਲ ਵੀ ਨੀ ਸੀ ਗੁਜਰਦਾ
ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੇਖੇ ਇੱਕ ਅਰਸਾ ਹੋ ਗਿਆ……..
Jina nu vekhe bina ik pal v ni si gujarda
ohna nu vekhe ik arsaa ho gya..
ਜਿੰਨਾ ਨੂੰ ਵੇਖੇ ਬਿੰਨਾ ਇਕ ਪਲ ਵੀ ਨੀ ਸੀ ਗੁਜਰਦਾ
ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੇਖੇ ਇੱਕ ਅਰਸਾ ਹੋ ਗਿਆ……..
एक रात जब दरवाजे पर दस्तक हुई, तो लगा कोई आया होगा..
आख़िर देर रात ये है कौन। कहीं कोई बुरी खबर तो ना लाया होगा..?
बिस्तर से उठा घबराहट के साथ, रात ताला भी तो लगाया होगा..
चाबी ना जाने कहां रख दी मैंने, ऐसा होगा, रात दिमाग में ना आया होगा..
चाबी लेकर दौड़ा दरवाजे की ओर, दरवाजा तो खोलू, शायद कोई घबराया होगा..
दरवाज़ा खोला कोई नहीं था, ये कोई मज़ाक का वक़्त है, जो दरवाज़ा खटखटाया
होगा..
ना जाने कौन था ये, जो इतनी रात गऐ मेरे दर पे आया होगा..?
पूरी रात निकल गई सोचने में, ये मेरा वहम था, या सच में कोई आया होगा..