Maine kab kaha mujhe gulaab dijiye
ya fir mohabbat se nawaz dijiye
Aaj bahut udaas hai dil
Gair ban ke hi sahi pr ek bar awaaz dijiye🍁
मैने कब कहा मुझे गुलाब दीजिये
या फिर मोहोब्बत से नवाज़ दीजिये
आज बहुत उदास है दिल
गैर बन के ही सही पर एक बार आवाज़ दीजिये🍁
Ishq aunda nahi samjhan ch har kise de
Samjhe ohi jinne eh nigh sek leya..!!
“Roop” gehrai-e-ishq ohi mapde ne
Jinne yaar ch rabb nu dekh leya..!!
ਇਸ਼ਕ ਆਉਂਦਾ ਨਹੀਂ ਸਮਝਾਂ ‘ਚ ਹਰ ਕਿਸੇ ਦੇ
ਸਮਝੇ ਓਹੀ ਜਿੰਨੇ ਇਹ ਨਿੱਘ ਸੇਕ ਲਿਆ..!!
“ਰੂਪ” ਗਹਿਰਾਈ-ਏ-ਇਸ਼ਕ ਓਹੀ ਮਾਪਦੇ ਨੇ
ਜਿੰਨੇ ਯਾਰ ‘ਚ ਰੱਬ ਨੂੰ ਦੇਖ ਲਿਆ..!!