इक इश्तहार छपा है अखबार में,
खुली सांसे भी बिकने लगी बाज़ार में,
रूह भी निचोड़ ली उसकी,
काट दी ज़बान बेगुनाह की,
मसला कुछ ज़रूरी नहीं,
बस थोड़ी बहस चलती है सरकार में...
Enjoy Every Movement of life!
इक इश्तहार छपा है अखबार में,
खुली सांसे भी बिकने लगी बाज़ार में,
रूह भी निचोड़ ली उसकी,
काट दी ज़बान बेगुनाह की,
मसला कुछ ज़रूरी नहीं,
बस थोड़ी बहस चलती है सरकार में...
Jinni kol e naina de kajla ve
Onni kol tere rehna e sajjna ve..!!
ਜਿੰਨੀ ਕੋਲ ਏ ਨੈਣਾ ਦੇ ਕਜਲਾ ਵੇ
ਓਨੀ ਕੋਲ ਤੇਰੇ ਰਹਿਣਾ ਏ ਸੱਜਣਾ ਵੇ..!!
Dhokha tan tera jar liya
jar nhi hunde o bol mithde ..😐
jo kde hatha ch hath pa k bole c😐