इक इश्तहार छपा है अखबार में,
खुली सांसे भी बिकने लगी बाज़ार में,
रूह भी निचोड़ ली उसकी,
काट दी ज़बान बेगुनाह की,
मसला कुछ ज़रूरी नहीं,
बस थोड़ी बहस चलती है सरकार में...
Enjoy Every Movement of life!
इक इश्तहार छपा है अखबार में,
खुली सांसे भी बिकने लगी बाज़ार में,
रूह भी निचोड़ ली उसकी,
काट दी ज़बान बेगुनाह की,
मसला कुछ ज़रूरी नहीं,
बस थोड़ी बहस चलती है सरकार में...
Meriyaan akhaan ne chuneya e tainu
eh duniya vekh k
kisda chehra hun vekha me, tera chehra vekh k
ਮੇਰੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਨੇ ਚੁਣਿਆ ਏ ਤੈਨੂੰ
ਇਹ ਦੁਨੀਆ ਵੇਖ ਕੇ
ਕਿਸਦਾ ਚਿਹਰਾ ਹੁਣ ਵੇਖਾਂ ਮੈਂ, ਤੇਰਾ ਚਿਹਰਾ ਵੇਖ ਕੇ
