
Imtehaan bhut eh lainda e..!!
Jiwe udeek kare koi soohe khat di
Oda intezaar sajjna da rehnda e..!!

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
वीराँ है मैकदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास है
तुम क्या गये के रूठ गये दिन बहार के
इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन
देखे हैं हमने हौसले परवर-दिगार के
दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया
तुझ से भी दिल फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के
भूले से मुस्कुरा तो दिये थे वो आज ‘फ़ैज़’
मत पूछ वलवले दिलए-ना-कर्दाकार के
Ainiyan v beparwahiyaan teriyaan theek nahi
vekh me sari zind likhwai baitha haan tere naawe
ਐਨੀਆਂ ਵੀ ਬੇਪਰਵਾਹੀਆਂ
ਤੇਰੀਆਂ ਠੀਕ ਨਹੀਂ
ਵੇਖ ਮੈਂ ਸਾਰੀ ਜਿੰਦ ਲਿਖਵਾਈ ਬੈਠਾ ਹਾਂ ਤੇਰੇ ਨਾਂਵੇ