Ishq ka ilam sikhne gya tha
aur logon ke chehre padhnaa sikh kar lautaa hoon
ईशक का ईलम सिखने गया था
और लोगों के चेहरे पढ़ना सिख कर लौटा हूं
Ishq ka ilam sikhne gya tha
aur logon ke chehre padhnaa sikh kar lautaa hoon
ईशक का ईलम सिखने गया था
और लोगों के चेहरे पढ़ना सिख कर लौटा हूं
Aaziz e menu zindagi hoyi😇
Aaziz jiwe rooh nu rooh😍..!!
Aaziz jo hoyi mohobbat menu💖
Aaziz hoyia menu tu😘..!!
ਆਜ਼ੀਜ਼ ਏ ਮੈਨੂੰ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਹੋਈ😇
ਆਜ਼ੀਜ਼ ਜਿਵੇਂ ਰੂਹ ਨੂੰ ਰੂਹ😍..!!
ਆਜ਼ੀਜ਼ ਜੋ ਹੋਈ ਮੋਹੁੱਬਤ ਮੈਨੂੰ💖
ਆਜ਼ੀਜ਼ ਹੋਇਆ ਮੈਨੂੰ ਤੂੰ😘..!!
कितने गुज़र गए ज़माने यूँ ज़ख्म खाने में,
बडा वक़्त लगाते हो यार मरहम लगाने में.
दासबर्दार तेरे इश्क़ में आशनाई गवा बैठे,
बावर्णा दिल-खवा अपने भी थे ज़माने में.
जो क़ल्ब परोसता है ग़ज़लों में बेदिली से मुसाहिब,
मुझे भी तोह सुना कोनसा ग़म है तेरे अफ़साने में.
मेरा ग़म कौन जाने मैं पौधा ही जानू हिज्र-ए-गुल,
बीस दिन लगते है अशर कली को फूल बनाने में…