Ishq ka ilam sikhne gya tha
aur logon ke chehre padhnaa sikh kar lautaa hoon
ईशक का ईलम सिखने गया था
और लोगों के चेहरे पढ़ना सिख कर लौटा हूं
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Ishq ka ilam sikhne gya tha
aur logon ke chehre padhnaa sikh kar lautaa hoon
ईशक का ईलम सिखने गया था
और लोगों के चेहरे पढ़ना सिख कर लौटा हूं
हजार बार माफ किया तुमने एक आखिरी दफा भी कर दो ना
दिल वीरान हो गया है तेरे जाने से एसे भर दो ना
तेरी खामोशिया पल-पल मारेगी मुझे
अपना समझ ही फिर अपना कर दो ना
लाख बुरा हूँ चाहे मैं
पर हूँ तो तेरा समझो ना ….. एक आखिरी दफा माफ करो दो ना ।
तुझसे दूर जाऊ भी तो जाऊ कैसे टूजसे मेरी रूह जुड़ गयी है
तुझे नाराज करके मेरी रूह मेरे जिस्म से उड़ गयी है ,
अपने गले लगा के कह दे की तू मेरी है
तुझे फिर देखने को मेरी आँख तरस गयी है ।