Ishq vishq te pyaar vyaar
नींद बेचैनी से कटती रही
ख्वाब कोहरे मे छुपती रही
तेरी आवाज़ से मैं अनसुनी रही
तु मिला न कही मंज़िलों पे
मैं भटकती भटकती
तुझे ढूंढती रही
तेरा मेरा रिश्ता इन
काग़ज़ों पे खत्म हो गया
साथ तेरा मेरा युं सिमट सा गया
जैसे चार दिवारी में बंध सा गया
तेरी बातों को मैं याद करता
तेरी हँसी को मैं याद करता
हमारे उन्ही हसीन पलो को
हररोज सजाया करता
Kaho toh khwaab mukammal kardu,
tere naam apna har ek pal kardu.❤️
Mujhme duub kar tum kabhi nikal hi na pao,
kaho toh apne aap ko dal dal kardu… ☺️
कहो तो एक ख्वाब मुक्कमल कर दूं,
तेरे नाम अपना हर एक पल कर दूं,❤️
मुझमे डूब कर तुम कभी निकल ही न पाओ,
कहो तो अपने आप को दलदल कर दूं।☺️