mainne insaan kee vafa par yakeen karana chhod diya hai,
jab kismat badal sakatee hai to ye mittee ke insaan kyon nahin…
मैंने इंसान की वफ़ा पर यकीन करना छोड़ दिया है,
जब किस्मत बदल सकती है तो ये मिट्टी के इंसान क्यों नहीं…
mainne insaan kee vafa par yakeen karana chhod diya hai,
jab kismat badal sakatee hai to ye mittee ke insaan kyon nahin…
मैंने इंसान की वफ़ा पर यकीन करना छोड़ दिया है,
जब किस्मत बदल सकती है तो ये मिट्टी के इंसान क्यों नहीं…
माना मुझे अब जरूरत नहीं तेरी , पर जिंदगी में एक मलाल तो है ।
कबूलनामा भी दे चुके महफिलों में पर , लोगों की निगाहों में कुछ सवाल तो है ।।
सपनों सा लगता एक ख्वाब तो है , मेरा हर अंदाज़ लाजवाब तो है ।
चाहता नहीं मेरी कलम से कोई बेइज्जत हो जाए , वरना मेरे पास भी कुछ लोगों का हिसाब तो है ।।
हाँ मोहब्बत भूल थी मेरी , आज बेबाकी से एक गुनाह कुबूल करता हूँ ।
कुछ काले किस्से हैं बीते हुए लम्हें , अब हर किस्से को मशहूर करता हूँ ।।
जिद्दी है मेरा दिल बड़ा , इसे आज मैं ज़रा मजबूर करता हूँ ।
बहुत हो चुकी मोहब्बत में नाफरमानी , सिर आँखों पर अपना गुरूर करता हूँ ।।