Manzil tan appe naraz hauni c
jad dil la baitha me
ajhnabi raawan naal
ਮੰਜ਼ਿਲ ਤਾਂ ਆਪੇ ਨਾਰਾਜ਼ ਹੋਣੀ ਸੀ
ਜਦ ਦਿਲ ਲਾ ਬੈਠਾਂ ਮੈਂ
ਅਜਨਬੀ ਰਾਵਾਂ ਨਾਲ
Manzil tan appe naraz hauni c
jad dil la baitha me
ajhnabi raawan naal
ਮੰਜ਼ਿਲ ਤਾਂ ਆਪੇ ਨਾਰਾਜ਼ ਹੋਣੀ ਸੀ
ਜਦ ਦਿਲ ਲਾ ਬੈਠਾਂ ਮੈਂ
ਅਜਨਬੀ ਰਾਵਾਂ ਨਾਲ
👧 *बाँझपन एक कलंक क्यों ???*👧
एक औरत माँ बने तो जीवन सार्थक
अगर माँ न बने तो जीवन ही निरथर्क,
किसने कहा है ये, कहाँ लिखा है ये,
कलंकित बोल-बोल जीवन बनाते नरक।
बाँझ बोलकर हर कोई चिढ़ाते,
शगुन-अपशगुन की बात समझाते।
बंजर ज़मीं का नाम दिया है मुझे,
पीछे क्या, सामने ही मेरा मज़ाक़ उड़ाते।
ममत्व का पाठ मैं भी जानती,
हर बच्चे को अपना मानती,
कोख़ से जन्म दूँ, ज़रूरी नहीं,
लहू का रंग मैं भी पहचानती।
आँचल में मेरे है प्यार भरा,
ममता की मूरत हूँ देख ज़रा,
क़द्र जानूँ मैं बच्चों की,
नज़र से मुझे ज़माने न गिरा।
कलंक नहीं हूँ इतना ज़रा बता दूँ,
समाज को एक नया पाठ सीखा दूँ,
बच्चा न जन्म दे सकी तो क्या,
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।
Her velle sukh chavva tera ,Iss dil vich thain hai tera ,Aa jism ley k jadd be turra
Naal turrey parshawan tera ,Tere her giley shikvey kabool aa menu,Mere dittey pyaar Dey tofffey kaabool a tenu ,Lokka dey samney ta nai show krr da ,Mgr bahuut he zayada pyar a tere te menu