Ham fakeero se kya puchhte ho dastan-e-mohabbat❣️
Hm to bewafao ko bhi jeene ki dua dete hai🙂
हम फकीरों से क्या पूछते हो दास्तां-ए-मोहोब्बत❣️
हम तो बेवफ़ाओं को भी जीने की दुआ देते हैं🙂
Ham fakeero se kya puchhte ho dastan-e-mohabbat❣️
Hm to bewafao ko bhi jeene ki dua dete hai🙂
हम फकीरों से क्या पूछते हो दास्तां-ए-मोहोब्बत❣️
हम तो बेवफ़ाओं को भी जीने की दुआ देते हैं🙂
माना तुम्हे हर बार देखता हूं,
हर बार पहली बार देखता हूं,
देखता हूं तुम्हे जब जुल्फें संवरती हो तुम,
उन जुल्फों को आइना बनके हर बार देखता हूं,
आंखो में रातें और सुर्खी में ग़ुलाब जैसे,
मेरे हाथ खाली जाम तुम्हारे होंठो में शराब जैसे,
जैसे हर बार तुम्हारा वो ख़्वाब देखता हूं,
तुम्हारे हाथों में मेरा दिया वो ग़ुलाब देखता हूं,
वक्त हो तो आना कभी इक हसरत बाकी है,
तुम्हे हर बार की तरह पहली बार देखना बाकी है...
सुना हैं दिल टूटने की आवाज नही आती
पीछे छूटे हुए रिश्तो की याद नही आती
समेट के रखना पड़ता हैं नाजुक चीजो को
कच्चे धागों के टूटने की आवाज नहीं आती