Jithe chaldi na koi sarkkar || punjabi shayari || kisan ekta was last modified: February 13th, 2021 by Arsh Patial
College ki seedhi per khade ho kar Kuch logo ke sath guftagu karna yaad aata hai,
Mujhe zindagi ke her palat’te panne ke sath,
Dosto se bichadna yaad aata hai…
Guzar raha hai waqt un parchaiyo’n ke sath,
Jinme the kuch yaar hatho me daale hath,
Na main hun ab na wo reh gaye hain wahi,
Per lamho me hain qaid wo mere kahin na kahin,
Kabhi khali se waqt me ho bhi jati hai baat,
Warna raftaar ki is duniya me koun rakhta hai ab yaad,
Jo mil jaye tumhe wo dour kahi to jaane na tum dena,
Na ayega wo lout ke is baat ko meri maan lena,
Aj bhi her mod her rasta mujhe unki yaad dilata hai,
Jin per hum sath the aur phir waqt tham sa jata hai,
Us mod per khadi hun jis rah tum mude the,
Yaar mere tu yaad kar, kabhi hum tum bhi jude the !!
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जादूगरनी…
वो लड़की जादूगरनी है।
कभी शोला, कभी शबनम जैसी,
कभी दूज, कभी पूनम जैसी,
कभी गुस्सा, कभी सरगम जैसी,
कभी चोंट, कभी मरहम जैसी,
कभी शीशम, कभी रेशम जैसी,
कभी गैर, कभी हम-दम जैसी,
कभी वो सम, कभी विषम जैसी,
रोज़ बदलते मौसम जैसी,
रंग-बिरंगी मौरनी है,
वो लड़की जादूगरनी है।
कभी वो मक्खन, कभी मलाई,
कभी वो मिर्ची, कभी मिठाई,
कभी नगाड़ा, कभी शहनाई,
कभी अलसाई, कभी अँगडाई,
कभी वो झूठी, कभी सच्चाई,
कभी बुराई, कभी भलाई,
कभी कहानी, कभी कविताई,
उसने मेरी नींद चुराई,
इस दिल की एक चोरनी है,
वो लड़की जादूगरनी है।
चंचल चितवन मादक नूरी,
खिली-खिली सी वो पांखुरी,
नख से शिख तक लगे अँगुरी,
नैन मिलें तो चल गई छुरी,
वो मेरे जीवन की धुरी,
धड़कन उसके बिना अधूरी,
सही न जाएं उससे दूरी,
जिसकी नाभि में कस्तुरी,
प्रेम वन की एक हिरनी है,
वो लड़की जादूगरनी है।
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