काश ।।।।
उसे भी फर्क पड़ता
मेरे हँसने से ..
मेरे रोने से…
मेरे साथ ना होने से …
और यू इल्जाम ना लगते,मेरे जाने से।।।।
Well done is better than well said
काश ।।।।
उसे भी फर्क पड़ता
मेरे हँसने से ..
मेरे रोने से…
मेरे साथ ना होने से …
और यू इल्जाम ना लगते,मेरे जाने से।।।।
*लखनऊ* की शाम थी, पर *तन्हा* थे हम ।
*मुमकिन* होता तुम मेरे होते तो *साथ* होते हम ।।
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