Tu sohni bahut aa
tere jaan magro hor batheryaa ne mainu eh gal kahi
pa .. kade farak ja ni pyaa
“ਤੂੰ ਬਹੁਤ ਸੋਹਣੀ ਆ”
ਤੇਰੇ ਜਾਣ ਮਗਰੋ ਹੋਰ ਬਥੇਰਿਆਂ ਨੇ ਮੈਨੂੰ ਇਹ ਗੱਲ ਕਹੀ,
ਪਰ ….. ਕਦੇ ਫ਼ਰਕ ਜਾ ਨੀ ਪਿਆ🙃🙃🙃
Tu sohni bahut aa
tere jaan magro hor batheryaa ne mainu eh gal kahi
pa .. kade farak ja ni pyaa
“ਤੂੰ ਬਹੁਤ ਸੋਹਣੀ ਆ”
ਤੇਰੇ ਜਾਣ ਮਗਰੋ ਹੋਰ ਬਥੇਰਿਆਂ ਨੇ ਮੈਨੂੰ ਇਹ ਗੱਲ ਕਹੀ,
ਪਰ ….. ਕਦੇ ਫ਼ਰਕ ਜਾ ਨੀ ਪਿਆ🙃🙃🙃
बिन मंजिल का मुसाफिर उसे दर ब_दर भटकना पड़ा
तपती सहराव में नंगे पांव चला ही चलना पड़ा
ता_उम्र उसने खुदा का शुक्र ही अदा किया उसने
मोहब्बत का मरीज__दुआ में मौत मांगा पड़ा
चाल अभी धीमी है,
पर कदम जाएंगे मंजिल तक जरूर।
हालात अभी उलझे हैं,
पर बदलेंगे मौसम,बिखरेगा हरसू नूर।
हौसलों की कमी नहीं,
क़्त भले ना हो ज्यादा।
शह मात की खेल है जिंदगी,
मंजिल को पाने की, हम रखते हैं माआदा।
पलकें मूंद जाती हैं झंझावतों से,
रास्ते छुप जाते हैं काले बदली की छाँव में।
गुजरना ही होगा अंधियारे सूने गलियारों से,
आशियाना हो चाहे गांव या शहर में।
लक्ष्य जो बुन लिया है विश्वास के तागों से,
अब रुकना नहीं, न झुकना कहीं तुम सफर में ।
डगर ने चुन लिया है तुम्हें साहस के पदचिन्हों से,
धैर्य,सहनशीलता और जीत, होंगे सहचर तुम्हारे सहर में।।
तरुण चौधरी