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“हंसी में छिपे खामोशियों को महसूस किया है I
मैखाने में बुजुर्गों को भी जवान होते देखा है I
हमने इन्शानो को जरुरत के बाद अनजान होते देखा है I
क्यों भूल जाते है इंसान अपनी अस्तित्व पैसा आते ही I
दुनियां ने बड़े – बड़े राज महराजा को फ़क़ीर होते देखा है I”
Thukra k usne mujhse kaha hasdo
maine bhi has diya kyuki sawal unki khushi ka tha
Maine to wo khoya jo mera tha hi nahi
usne wo khoya jo sirf usi ka tha….