कई बार ख्याल बुरे सपनों का खुद-को, जगा-कर मिटा लिया..
गर लगी चोट तो निशानों पर मरहम, लगाकर मिटा लिया..
वो दाग तो मिट गए, जिन जख्मों का असर कम था..
कुछ दर्द शराब से और कुछ को अपने शब्दों से गा कर मिटा लिया..
कई बार ख्याल बुरे सपनों का खुद-को, जगा-कर मिटा लिया..
गर लगी चोट तो निशानों पर मरहम, लगाकर मिटा लिया..
वो दाग तो मिट गए, जिन जख्मों का असर कम था..
कुछ दर्द शराब से और कुछ को अपने शब्दों से गा कर मिटा लिया..
Ye fard-e-jurm hai mujh par
Ki usse pyar karta hu
Mai filhaal to is ilzaam se inkar karta hu✨
ये फर्द-ए-जुर्म है मुझ पर
कि उससे प्यार करता हूँ
मैं फिलहाल तो इस इल्ज़ाम से इनकार करता हूँ✨
Kuch jakham kitaabon mein rakh diye
Kuch ko alfaazon mein smet diya
Kuch fool bankar mile hmein
Aur kuch ne hum hi ko smet diya 💔
कुछ जख्म किताबो में रख दिए
कुछ को अल्फाजो में समेट दिया
कुछ फूल बनकर मिले हमे
और कुछ ने हम ही को समेट दिया💔