कई बार ख्याल बुरे सपनों का खुद-को, जगा-कर मिटा लिया..
गर लगी चोट तो निशानों पर मरहम, लगाकर मिटा लिया..
वो दाग तो मिट गए, जिन जख्मों का असर कम था..
कुछ दर्द शराब से और कुछ को अपने शब्दों से गा कर मिटा लिया..
कई बार ख्याल बुरे सपनों का खुद-को, जगा-कर मिटा लिया..
गर लगी चोट तो निशानों पर मरहम, लगाकर मिटा लिया..
वो दाग तो मिट गए, जिन जख्मों का असर कम था..
कुछ दर्द शराब से और कुछ को अपने शब्दों से गा कर मिटा लिया..
C kabil-e-ilaz gam-e-zindagi
jisdi talaash c o masiha na mileya
dilwale taan kai mile zindagi vich
par dil ton koi na mileya
हर रात के बाद की बातें
हर रात तेरी वो यादें
जो गुजरी हमपे ना गुजरे तुझपे
ना हम जाने, ना तू जाने
मोहब्बत वाली बातें
वो ईश्क भरी सौगातें
तू जुदा हुआ, हम फना हुए
ना हम जाने, ना तू जाने
रात का जाना, सुबह का आना
हर सुबह फिर एक नया बहाना
बहाने में क्या क्या बातें बनाते?
ना हम जाने, ना तू जाने
ये ईश्क नहीं आसान रहा
जमीन पे कहा आसमान रहा?
बदला मौसम, बिछड़ी यादें
ना हम जाने, ना तू जाने
तेरी गलियों से हम गुजरा करे
कभी तू मेरी गलियों से गुजरे
जमाने का क्या हशर हुआ फिर
ना हम जाने, ना तू जाने
सौगात-ए-ईश्क, हश्र-ए-मोहब्बत
तुझे चाहूं मैं, ये मेरी शिद्दत
पी जाऊं ये जाम घोल के, जैसे घूंट हो अमृत के
अंजाम क्या हो तेरे बाद ईश्क का?
ना हम जाने, ना तू जाने
तीखीनजरें, गीले होंठ
नैन तेरे उफ्फकजरारे
हुआ मुशायराशुरू ईश्क का
खतम हुआ तेरे चेहरे पे
शायरों ने क्या गज़ललिखी फिर
ना हम जाने, ना तू जाने
Quoted by– Aria