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Kamiyaa… hi nikalenge || Hindi truth shayari on life

True lines truth in hindi || Ek baat bolu..
pehle hi hamaare andar kitni bhi
khubiyaa kyu na ho
magar log nikalenge toh sirf kamiyaa
Ek baat bolu..
pehle hi hamaare andar kitni bhi
khubiyaa kyu na ho
magar log nikalenge toh sirf kamiyaa

Title: Kamiyaa… hi nikalenge || Hindi truth shayari on life

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Dost woh hai jo || friend shayari hindi

दोस्त वो है जो थाम के रखता है हाथ
परवाह नहीं उसको कौन है तुम्हारे साथ

उसकी आखों में चमक दिखती है
जब होता है तुम्हारे साथ

गुजर जाता है वक़्त मिनटों में
जब करते हैं उससे बात

दोस्त वो हैं जो सामने आ जाये गर
खुद बयाँ हो जाते हैं दिल के हालत

कुछ सोचना नहीं पड़ता
जब होती है उससे बात

दोस्त वो है जो बिन कहे समझ लेता है हर बात
बस हम छिपा नहीं सकते उससे कोई भी राज

कर देता है हैरान तब और भी
जब मरहलों में बन जाता है ढाल
अपने सारे दर्द ग़म भुला कर
साथ हँसता है सारी रात

उसे कुछ भी नहीं चाहिए तुमसे बस
कुछ पल तुम्हारे साथ का है वह मोहताज़

दोस्त वो है जिससे दोस्ती निभानी नहीं पड़ती
जिसे कोई भी बात समझानी नहीं पड़ती

रूठ भी जाए तो भी नहीं करता नज़रन्दाज़
इसलिए ये रिश्ता होता है हर रिश्ते से ख़ास

कभी वो माँ की तरह समझाता है
तो कभी पिता की तरह डांटता है

कभी- कभी बहन बन कर सताता है
तो कभी भाई की तरह रुलाता है

कभी एक आफ़ताब बन होंसला बढ़ाता है
हमें ग़म और खुशियों से परे ले जाता है

जिसके पास है ऐसा दोस्त
वही मुकम्मल है इस जहाँ में
वही है हयात का सरताज

Title: Dost woh hai jo || friend shayari hindi


Tumhe ghar chhod du || hindi poetry love

❣️”चलो भी जान तुम्हे घर छोड़ दूं”❣️

 समझ नही आता,किस पर लिखूं,किस पर छोड़ दूं
अब क्या करूं इन बातों का,इन्हे यही पर छोड़ दूं

 तुमने गली छोड़ी, मुझे छोड़ा,सब तो छोड़ दिया
मैं कैसे ये आसमान,मकान,अपना शहर छोड़ दूं

 मेरे पीछे मत आओ मेरा सफर काफी दूर तक है,
चलो भी जान,इश्क नही आसान,तुम्हे घर छोड़ दूं

 तुम्हारी यांदो को तो आना जाना है जिंदगी भर
फिर एक तुम्हे याद करना भी है,बेहतर छोड़ दूं

 मैं टूटकर खुद,राह बन गईं हूं,राहगीरों के लिए
और तुम कहते हो जिंदगी का ये सफर छोड़ दूं 

 जहर काफी है दर्द में,मसला इश्क है मेरे जान
और तुम क्यों कहते हो,मैं इश्क का जहर छोड़ दूं

 तुम लौट आए,तो क्यों आए हो अब बताना जरा
तुमने क्या कहा मैं ये शायरी और गजल छोड़ दूं

 तुमने गली छोड़ी,सफर छोड़े,घर बदल लिए
अब क्यों चाहते हो तुम,मैं मेरा शहर छोड़ दूं

 “हर्ष” क्या करूं इन बातों का,इन्हे यही पर छोड़ दूं
अब चलो भी जान,कहना लो मान,तुम्हे घर छोड़ दूं

Title: Tumhe ghar chhod du || hindi poetry love