Khamosh e DIl || 2 lines Punjabi Alone shayari was last modified: September 27th, 2020 by SHARANJIT SINGH
Well done is better than well said
raat kyu tu udaas hai
kush pal thehar fir subaah ki aas hai
रात क्यों तू उदास है
कुछ पल ठहर फिर सुबह की आस है
उठे थे हाथ जिनके,
उन्ही दुआओं का असर हूं,
चिराग़ सी हैं नज़रें मेरी
जैसे सुबह की पहली पहर हूं
धूल से ही तो नाता है मेरा
वहीं ठंडी हवाओं में बसर हूं
कलम से शायर कह दो
होंठों से कहर हूं,
ठहरा है दरिया जो किनारे में
वहीं बहता छोटा सा शहर हूं,
मानों तो प्यास मिले
ना मानों तो ज़हर हूं...