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Khoobsoorat toh bahut ho || hindi shayari

खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नहीं …
तेरा अंदर का दिल के दर्द का भी कोई जवाब नही ..
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही…
तेरा भीगी हुआ आंखो की नमी का भी कोई जवाब नंही
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही…
तेरा तमन्हा पूरी ना होना का भी कोई हिसाब नहीं
खुबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही…
हस्त हुए चेहरा के पीछे की खामोशी का भी कोई जवाब नंही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नंही…
चमकता हुआ चेहरा के पीछे के अंधेरी दुनिया का कोई जवाब नंही….
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नहीं…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही…
तेरी हसीन झुल्फो के पीछे छुपा हुआ उलझन का भी कोई जवाब नही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नहीं…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नहीं…
पैरो का नीचा छुपा हुआ काटो का भी कोई जवाब नंही….
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नहीं….
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नहीं….
अपनो के लिए खुद को भूल जाने का भी कोई हिसाब नहीं…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही..
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तो कोई जवाब नही….
हाथो के मेहंदी के पीछे छुपी हुई अरमानों की लकीरों का भी कोई हिसाब नही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही…
खूबसूरत तो बहुत हो तुम तेरा कोई जवाब नही…

Title: Khoobsoorat toh bahut ho || hindi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Khudkhushi nahi hal museebta da || punjabi poetry

ਏਨੀ ਵੀ ਕਿ ਵਿਪਦਾ ਆ ਗਈ
ਕਿ ਤੇਰੇ ਕੋਲ਼ ਹੋਇਆ ਨਾ ਹੱਲ ਕੋਈ।
ਲੱਭ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਰਸਤੇ ਮਿੱਤਰਾ
ਪਰ ਖੁਦਖੁਸ਼ੀ ਨਹੀਂ ਕੰਮ ਚੰਗਾ।
ਤੂੰ ਵਿਚਾਰ ਆਵਦੇ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੇ ਹੁੰਦੇ
ਬੈਠ ਕਮਰੇ ਦੀ ਚਾਰ ਦੀਵਾਰੀ ਵਿੱਚ ਜਜ਼ਬਾਤ ਘੋਟੇ ਨਾ ਹੁੰਦੇ।

ਰਾਹ ਉਸਾਰੇ ਪਰਵਰ ਦਿਗਾਰ ਨੇ
ਚੱਲਣਾ ਕਿਹੜੇ ਉੱਤੇ ਇਹ ਤਾਂ ਆਪਣੀ ਮਰਜ਼ੀ ਏ,
ਪਿੱਛੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦਾ ਨਾ ਸੋਚਿਆ।
ਕੰਬੇ ਨਹੀਂ ਪੈਰ ਇਹ ਕਦਮ ਚੁੱਕਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾ,
ਮੰਨਦੇ ਆ ਅੱਜ ਦਾ ਸਮਾਂ ਬਹੁਤਾ ਨ੍ਹੀ ਖੁੱਦਾਰ।
ਹਰੇਕ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਸੱਚਾ ਯਾਰ,
ਪਰ ਖੁਦਖੁਸ਼ੀ ਨਹੀਂ ਕੰਮ ਚੰਗਾ ਮਿੱਤਰਾ।

ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਖੁੱਦ ਹੀ ਪਹਾੜ ਵਰਗੀ ਬਣਾ ਲੈਣੇ ਆ,
ਬਣਾਵਟੀ ਚੀਜ਼ਾਂ ਪਿੱਛੇ ਭੱਜਕੇ।
ਇਹਨਾਂ ਕਰਕੇ ਹੀ ਸੁੱਖ ਚੈਨ ਗਵਾਚ ਗਿਆ,
ਰੱਬ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣਾ ਸਿੱਖ ਯਾਰਾ।
ਇੱਥੇ ਟੁੱਟਦੇ ਤਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਨ੍ਹੀ ਕੋਈ ਪੁੱਛਦਾ,
ਹੁਣ ਤਾਂ ਭਾਣਾ ਮੰਨਣ ਨੂੰ ਦਿੱਲ ਮਜ਼ਬੂਰ ਹੋਇਆ।
ਓਹਦੇ ਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਕੋਈ ਵੀ ਨਹੀਂ ਜਾਨ ਸਕਦਾ,
ਪਰ ਖੁਦਖੁਸ਼ੀ ਨਹੀਂ ਕੰਮ ਚੰਗਾ ਮਿੱਤਰਾ।

✍️ ਖੱਤਰੀ

Title: Khudkhushi nahi hal museebta da || punjabi poetry


Teri aankho me yeh aaj sharat nai hai

तेरी आंखों में ये आज शरारत नई है

 बदन में मेरे उठी ये हरारत नई है

 क्या ये सब मेरे इश्क़ का असर है

 या तेरे दिल में ये पल रही चाहत नई है

 ये तेरे मस्कारे ये तेरा जुल्फे संवारना

 लगता आज किसी पे क़यामत नई है

 तेरे बेवफा इशारे खूब समझता हूं

 लगता आज मेरे दिल पे शामत नई है

Title: Teri aankho me yeh aaj sharat nai hai