
Asin ajh v karde aitbaar tere te
saadi tere ton bagair soch na koi
beshak bhawe tu parat ke vekh le
sade dil vich ajh v khott na koi

Asin ajh v karde aitbaar tere te
saadi tere ton bagair soch na koi
beshak bhawe tu parat ke vekh le
sade dil vich ajh v khott na koi
मयकदे में बैठ कर जाम इश्क़ के पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
मोहब्बत भी कि, वफा भी रास आई,
थामा जब हाथ उसका तो जैसे ज़िन्दगी पास आई…
बंद आंखों में एहसासों को जी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
इश्क़ दिल से किया कलम से दास्तां लिखा,
मै ज़मीन पर सही उसे आसमां लिखा,
कुछ बिखरे लम्हों को पलकों के धागों से सी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
नजदीकियों का डर है, थोड़ा गुमराह हूं,
ना जाने धड़कने क्यों तेज़ है, मै भी तो हमराह हूं,
लग रहा है मै भवरा बन फूलों से खुशबू पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों मै ख़्वाबों में जी रहा हूं…
सुबह कुछ दस्तक दी शाम को वो लम्हें चल दिए,
वक्त की बंदिशें थी हम भी उनके पीछे चल दिए…
अगली सुबह के इंतज़ार में वक्त का दरिया पी रहा हूं,
मुझे ना जगाना यारों अब मै ख़्वाबों को जी रहा हूं…
Ae Be-khabar Mere Hal Se Mere Dard Ko Samajh Aese Dur Na ja_
Tere liye Duniya Thukra-e Hain, Jara Pass To Aaa_
Nazar ko Ghuma Ek Maiyat Uthi hai kon hai Jara Dekh To ley_
Ae Mere Mehaboob Ye Log Mujhe Dafnane Le ja Rahe hai, Aapne Ashiq ko Rok To ley_