Ek ye khwahish ke koi zakham na dekhe dil ka,
Ek ye hasrat ki koi dekhne vala to hota..
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
Ek ye khwahish ke koi zakham na dekhe dil ka,
Ek ye hasrat ki koi dekhne vala to hota..
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
कहते थे साथ ना छोड़ेंगे हम,
आज वो रिश्ते यूँ रुसवा हो गए |
मेरी होंठो पे हंसी देखेंगे हर दम,
कहने वाले आज बेगाने हो गए|
आँखों में खुशियों की चमक देने वाले,
आज उदासी का आलम दे गए |
छोटी – सी बात का तल्ख क्यूँ इतना,
प्यार के वादे का हर जुमला झूठे हो गए |
इश्क में जला करते थे जो दिन – रात,
अब वो परवाने नफ़रत में जल गए |
हो जाती सुलह माफ़ी दिल में रखने से,
वो तो अपनी जिद के पैमाने हो गए|
हार में ही होती है, मुहब्बत की जीत
जीतने की जुस्तजू में वो जुदा हो गए |
दिल धड़कता था जिसके लिए हर पल,
वो दिल अब खौफजदा हो गए|
पहुंच जाते थे मेरी खामोशी में जो मुझ तक,
वही आज लफ्जों में अलविदा कह गए||
अगर औरत नहीं होती, तो मुहब्बत नहीं होती।
अगर बंगाल माँ नहीं होती, तो भारत माता भी नहीं होती।
हर एक इंसान के पास दिल है।
भारत में भी बंगाल है।
मर्द सिर्फ इंसान होता है।
औरत केवल माँ होती है।
इंसान को दुःख देने में बहुत मज़ा आता है।
इंसान का दुःख में सिर्फ कुत्ते रोते हैं।
जिंदगी का स्टेशन पर ट्रेन रुक गई।
समय कभी रुकता नहीं, छुट्टी गुज़र गई।
समय की नदी, मैं अकेला नहीं।
पिता नाव है, माँ मांझी, जिंदगी यही।