
Tera menu pyar naal samjha ke kuj kehna
Te mera adab naal teri har gall mann lena..!!

अगर किसी इंसान को अच्छे से समझना चाहते हो तो उसे बोलने दो क्योंकि हर इंसान की सच्चाई उसकी जुबान के पीछे छिपी हुई है।
मंजिल मेरे कदमों से अभी दूर बहुत है… मगर तसल्ली ये है कि कदम मेरे साथ हैं
बात करने का मजा उन लोगो के साथ आता है, जिनके साथ कुछ बोलने से पहले कुछ सोचना ना पड़े।
जिस तरह लौहे का जंग लोहे को नष्ट कर देता हैं, उसी तरह इंसान की गलत सोच, इंसान को अपंग बना देती हैं।
ये एक बात समझने में रात हो गई है
मैं उस से जीत गया हूँ कि मात हो गई है
मैं अब के साल परिंदों का दिन मनाऊँगा
मिरी क़रीब के जंगल से बात हो गई है
बिछड़ के तुझ से न ख़ुश रह सकूँगा सोचा था
तिरी जुदाई ही वज्ह-ए-नशात हो गई है
बदन में एक तरफ़ दिन तुलूअ’ मैं ने किया
बदन के दूसरे हिस्से में रात हो गई है
मैं जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हूँ छोड़ के घर
ये क्या कि घर की उदासी भी साथ हो गई है
रहेगा याद मदीने से वापसी का सफ़र
मैं नज़्म लिखने लगा था कि ना’त हो गई है