क्यों किसा मोहब्बत का यह खोला जाये
किताबें इश्क की यह बंद ही अच्छी लगती हैं
अब याद करके उन्हें आंसू क्यों ग्वाय हम
हमें यह जुदाई हीं अब अच्छी लगती हैं
—गुरू गाबा 🌷
Visit moneylok.com to learn about money
क्यों किसा मोहब्बत का यह खोला जाये
किताबें इश्क की यह बंद ही अच्छी लगती हैं
अब याद करके उन्हें आंसू क्यों ग्वाय हम
हमें यह जुदाई हीं अब अच्छी लगती हैं
—गुरू गाबा 🌷
Is bhari kayanat mein ya rab
Apne rehne ko ek ghar bhi nhi
Pedh ke niche jo guzar jaye
Zindagi itni mukhtsar bhi nhi😊
इस भरी कायनात में या रब
अपने रहने को एक घर भी नहीं
पेड़ के नीचे जो गुज़र जाए
ज़िन्दगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं😊