zindagi hundi saahan de naal
manzil mile raahan de naal
ijjat mildi zameer naal
pyar mile takdeer naal
ਜਿੰਦਗੀ ਹੁੰਦੀ ਸਾਹਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ,
ਮੰਜਿਲ ਮਿਲੇ ਰਾਹਾਂ ਦੇ ਨਾਲ
ਇਜੱਤ ਮਿਲਦੀ ਜਮੀਰ ਨਾਲ
ਪਿਆਰ ਮਿਲੇ ਤਕਦੀਰ ਨਾਲ।
zindagi hundi saahan de naal
manzil mile raahan de naal
ijjat mildi zameer naal
pyar mile takdeer naal
ਜਿੰਦਗੀ ਹੁੰਦੀ ਸਾਹਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ,
ਮੰਜਿਲ ਮਿਲੇ ਰਾਹਾਂ ਦੇ ਨਾਲ
ਇਜੱਤ ਮਿਲਦੀ ਜਮੀਰ ਨਾਲ
ਪਿਆਰ ਮਿਲੇ ਤਕਦੀਰ ਨਾਲ।
ये साफ सफाई की बात नहीं, कोरोना ने लिखी खत।
इधर उधर थुकना मत।
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गंगा की गोद में चलती है नाव, मृत शरीर भी।
समय का गोद में खिलती है सभ्यता और जंगली जानवर का अँधा बिस्वास भी।
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बचपन मासूम कली।
फल बनना और बड़ा होना- काला दाग में अशुद्ध कलि।
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कीचड़ में भी कमल खिलता है।
अच्छे घर में भी बिगड़ा हुआ बच्चा पैदा होते है।
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इंसान का अकाल नहीं, इंसानियत की अकाल है।
डॉक्टर (सेवा) के अकाल नहीं, वैक्सीन (व्यवस्था) का अकाल है।
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कुत्ते समझते है के कौन इंसान और कौन जानवर है।
बो इंसान को देख के पूंछ हिलाते है और जानवर को देख के भूँकते है।
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जीविका से प्यारा है जिंदगी।
अगर साँस बंद है तो कैसे समझेंगे रोटी की कमी।
मचलते ख़्वाब दिल की दीवारें तोड़ जाएंगे,
कुछ होंठो को हंसा कर कुछ को तड़पता छोड़ जाएंगे...
तेज़ आधियों में आशियाना बनाने की कोशिश जारी है,
ताजुर्बा है, वहीं ख़्वाब मंज़िल के साथ नजर आएंगे...