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Kisaan ki zindagi || किसान की जिंदगी

तन पर खराब पुराने कपड़े होते हैं,
पैर मिट्टी में पूरी तरह सने होते हैं,
कड़ी सुलगती धूप में काम करते हैं जो,
ये कोई और नहीं सिर्फ किसान है वो,

धरती की छाती हल से चीर देते हैं,
हमारे लिए अन्न की फसल उगा देते हैं,
किसान अपनी फसल से बहुत प्यार करते हैं,
गरमी, सरदी, बरसात में जूझते रहते हैं,

मान लेते हैं की किसान बहुत गरीब होते हैं,
हमारी थाली में सजा हुआ खाना यही देते हैं,
इनके बिना हमें अनाज कभी मिल नहीं पाता,
दौलत कमा लेते पर कभी पेट न भर पाता,

भूमि को उपजाऊ बनाने वाले किसान है,
हमारे भारत का मान, सम्मान और शान हैं,
ये सच्ची बात सब अच्छे से जानते हैं,
किसान को हम अपना अन्नदाता मानते हैं,

हम ये बात क्यों नहीं कभी सोचते हैं,
गरीब किसान अपना सब हमें देते हैं,
हम तो पेट भर रोज खाना खा लेते हैं,
किसान तो ज्यादतर खाली पेट सोते हैं,

                 तरुण चौधरी

Title: Kisaan ki zindagi || किसान की जिंदगी

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


hindi Shayari || beautiful shayari gazal

ग़ज़ल !

तिश्नगी थी मुलाक़ात की,
उस से हाँ मैंने फिर बात की।

दुश्मनी मेरी अब मौत से,
ज़िंदगी हाथ पे हाथ की।

सादगी उसकी देखा हूँ मैं,
हाँ वो लड़की है देहात की।

तुमने वादा किया था कभी,
याद है बात वो रात की।

अब मैं कैसे कहूँ इश्क़ इसे,
बात जब आ गई ज़ात की।

मुझसे क्या दुश्मनी ऐ घटा,
क्यों मेरे घर पे बरसात की।

हमको मालिक ने जितना दिया,
सब ग़रीबों में ख़ैरात की।

तू कभी मिल तो मालूम हो,
क्या है औक़ात औक़ात की।



एक रात || ek raat jab darwaaze par

एक रात जब दरवाजे पर दस्तक हुई, तो लगा कोई आया होगा..

आख़िर देर रात ये है कौन। कहीं कोई बुरी खबर तो ना लाया होगा..?

बिस्तर से उठा घबराहट के साथ, रात ताला भी तो लगाया होगा..

चाबी ना जाने कहां रख दी मैंने, ऐसा होगा, रात दिमाग में ना आया होगा..

चाबी लेकर दौड़ा दरवाजे की ओर, दरवाजा तो खोलू, शायद कोई घबराया होगा..

दरवाज़ा खोला कोई नहीं था, ये कोई मज़ाक का वक़्त है, जो दरवाज़ा खटखटाया
होगा..

ना जाने कौन था ये, जो इतनी रात गऐ मेरे दर पे आया होगा..?

पूरी रात निकल गई सोचने में, ये मेरा वहम था, या सच में कोई आया होगा..

Title: एक रात || ek raat jab darwaaze par